Upanishads
ईशा उपनिषद्: कर्म
केन उपनिषद् : प्रकृति को समझें, God को पा लोगे।
कथा उपनिषद्: भगवान् को पा लोगे तो अमरत्व आ जाएगा।
प्रश्न उपनिषद्: प्राण के माध्यम से तुम इस शरीर को चलाते हो।
ऐतरेय उपनिषद्: चेतना के द्वारा रचा गया यह संसार
मुंडकोपनिषद्: ज्ञान और प्रज्ञा
तैत्तिरीय उपनिषद्: तुम ब्रह्म हो।
मांडुक्य उपनिषद्: 🕉
छांदोग्य उपनिषद्: तुम भी वही हो। सबकुछ वही ब्रह्म है।
श्वेतावस्तार उपनिषद्: ध्यान साधना उस भगवान् को जानने का, पाने का एवं जीने का तरीका है।
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